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कहानी सृजन पर आधारित व्याकरण शाला का हुआ आयोजन Featured

By May 31, 2020 597 0

रायगढ़-  व्याकरण शाला में सर्वप्रथम राज्य के पूर्व मुख्यमत्री स्व. अजीत प्रमोद जोगी को छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों से जूड़े काव्य संसद के साहित्यकारों ने श्रध्दाञ्जलि अर्पित की। ततपश्चात् व्याकरण शाला का आरंभ हुआ,काव्य संसद् डॉट आनलाईन के साहित्यकारों के द्वारा साहित्य सृजन के लिए नवीन प्रयास करते हुए तृतीय व्याकरण शाला का आयोजन किया। व्याकरण शाला का अर्थ है साहित्य सृजन के लिए विभिन्न साहित्यिक चर्चा-परिचर्चा  आयोजित करना है।

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काव्य संसद् के प्रवक्ता डिग्री लाल जगत निर्भीक ने बताया की काव्य सृजन के लिए समूह द्वारा विभिन्न प्रयास किये जा रहे है। उन प्रयासों में एक उत्तम प्रयास है व्याकरण शाला, जहाँ समूह के साहित्यकारों मे से एक के द्वारा रविवार के दिन एक विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया जाता है। इस वर्ष ऐसी कुल 33 ऑनलाईन कक्षाएं आयोजित होगीं। जिसमें काव्य संसद् से जूड़े राज्य भर के समस्त साहित्यकारों द्वारा साहित्य के सृजन के गूर एक दूसरे से साझा किये जायेंगे।    

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तृतीय व्याकरण शाला का आयोजन कहानी लेखन एवं सारगर्भित परिचय पर आधारित रहा, जिसमें काव्य संसद् डॉट ऑनलाईन साहित्य वेबसाईट के संस्थापक पुखराज यादव प्राज ने कहानी : एक परिदृश्य के विषय में व्याख्यान दिया। जिसमें कहानी सृजन, कहानी के महत्तव, कहानी के प्रभाव, लघुकथा  के प्रारूप पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। साथ ही साहित्यकारों द्वारा व्याख्यान समापन के उपरांत, प्रश्नकाल के समय में लघुकथा सृजन के संबंध में विभिन्न प्रश्नोत्तर हुए।

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इस अवसर पर मुख्य रूप से महासमुन्द जिले से  सुन्दर लाल डडसेना, विनोद कुमार, रायगढ़ जिले से डिग्रीलाल जगत निर्भीक, सावित्री यादव,अजय पटनायक, कोरिया जिले बिजेन्द्र अहीर, जांचगीर-चांपा जिले से गिरधारी लाल चौहान,फरुण कुमार यादव, सूरजपुर से कृष्ण कुमार ध्रुव, कांकेर जिले से नलिनी बाजपेयी,मीरा आर्ची चौहान, कोण्डागांव से रश्मि अग्निहोत्री, राजनांदगांव जिले से माधवी गणवीर, पदमा साहू, दूजराम साहू,प्रवीण कुमार ठाकुर, दुर्ग जिले से प्रिया गुप्ता, बिसासपुर जिले से लक्ष्मण प्रसाद साहू सहित अन्य साहित्यकारों की ऑनलाईन उपस्थिति रही।

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