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किशोर के नवाचार को सभी सराहा Featured

 

ख़ैरागढ़. शिक्षा विभाग अपने अनेक प्रयोगों से बच्चों को सीखने -सिखाने के लिए प्रयासरत रहते हैं लेकिन शिक्षक व अंतरराष्ट्रीय मूर्तिकार किशोर शर्मा भी अपने नए-नए तरीकों से अपने शिक्षकीय जीवन में लगन से अध्यापन कराते रहते हैं । जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान खैरागढ़ द्वारा भी राजनंदगांव जिले से लगभग 20 दक्ष शिक्षकों का चयन कर एक समिति गठन किया गया था जिसमें शिक्षा में बच्चों के सीखने के कौशल अधारित दक्षता पर अपने-अपने शोध रिपोर्ट प्रस्तुत कर उसे प्रस्तुतीकरण करना था।शिक्षकों ने अपना पक्ष रखा जिसमें किशोर की "प्रशनोत्तर विधि" नवाचार को सभी शिक्षकों ने सराहा और उक्त नवाचार को एससीआरटी रायपुर को भेजा गया। सम्मिलित नवाचारियो ने इसे अपने-अपने शाला में प्रयोग कर इसको सराहा और सीखने के प्रतिफल में सबसे अधिक उपयुक्त माना ।

 

कर रहे अनोखा प्रयास

 

वर्तमान में किशोर द्वारा मूर्तिकला को लेकर एक अनोखा अभिनव कर रहे हैं जिसे अनेक शिक्षकगण, समाजसेवी, अधिकारीगण आदि ने सराहा व उत्साहवर्धन किया। नवाचार के बारे में किशोर ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा बच्चों को दी जा रही है जिससे वह आगे चलकर स्वरोजगार कर सकते हैं इसके लिए उन्होंने मिट्टी से अनेक कलात्मक गमले, पेपरवेट, वॉल हैंगिंग आर्ट, सीमेंट के गमले, पुरानी वस्तुओ से मोल्ड लेकर अनेक सृजनात्मक रूप से बच्चों को सिखाया जा रहा है।

 

शहरी लोग कर रहे ग्रामीण परिवेश की ओर रुख

 

मूर्तिकार व शिक्षक किशोर ने आगे भविष्य की रूपरेखा के बारे में कहा कि कोरोना काल के बाद शहरी लोग ग्रामीण परिवेश की ओर रुख कर रहे हैं । वे उनके रहन-सहन, संस्कृति, जैविक कृषि, सब्जी, पर्यावरण को अपने बच्चों को अवगत करा रहे हैं, इसी कांसेप्ट को लेकर " स्वरोजगार ग्रामीण पर्यटन "" को आधार बनाकर इसे बच्चे आगे बढ़ेंगे तो उन्हें एक अच्छा अवसर अपने गांव और खेतों में मिलेगा।

 

किशोर हैं प्रसिद्ध मूर्तिकार

 

 किशोर प्रसिद्ध मूर्तिकार है जिनका देश के साथ-साथ विदेशों में भी प्रदर्शनी लगती है और अनेको पुरस्कार से सम्मानित भी हो चुके हैं वे अपने काम में ग्रामीण संस्कृति को समाहित कर अनेक माध्यमों में सीमेंट,पीतल,ब्रॉन्ज, डोकरा कास्टिंग, टेराकोटा, स्क्रैप मेटल आदि में भावपूर्ण मूर्तियां करते हैं।

 

समाजसेवा में निभा रहे भूमिका

 

साथ ही साथ शहर में संचालित समाज सेवी संस्था निर्मल त्रिवेणी महाभियान से जुड़कर पर्यावरण, स्वच्छता, वृक्षारोपण,सौंदर्यीकरण आदि में निरंतर अपनी सेवा दे रहे हैं । अपने शाला में भी स्वच्छता, पर्यावरण, चित्रकला, रंगोली आदि गतिविधियां कराते रहते हैं, शिक्षा विभाग द्वारा दशदिवसीय बस्ताविहीन शिक्षा के अंतर्गत भी इनके माध्यमिक शाला सिंगारघाट का चयन हुआ है। जिसमें संस्था के जाकिर अली प्रधान पाठक,मेघाबाला राव शिक्षिका, धरम नेताम शिक्षक भी सह कदम होकर उत्साहपूर्वक क्रियाकलाप में सहयोग करते हैं ।

 

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Last modified on Monday, 03 January 2022 12:58
रागनीति डेस्क-1

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