Print this page

सरकारी अस्पताल में नौकरी कर रहा बेटा, मां सजा रही लोहे के बर्तनों का बाजार

By December 24, 2018 1501 0

 

खाना बदोश नहीं रहे राजस्थानी लोहार / कवर्धा मार्ग पर लाल बहादुर क्लब के सामने मीरा बाई चौक के पास सजा लोहे के बर्तनों का बाजार। यहां मिली लौह महिला संतरा बाई खाना बदोश समझे जाने वाले लौहपिटे जाति से जुड़े सारे भ्रम तोड़ दिए। बताया कि वे मूलत: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की रहने वाली हैं, लेकिन घर बना रखा है भोपाल के पास इछावर में। सात बच्चे हैं। बड़ा लड़का राजेश मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पताल में कंप्यूटर चलाता है। पति इछावर में लोहे के बर्तन बनाते हैं। उन्हीं बर्तनों को लेकर वे बाकी सदस्यों के साथ कश्मीर से कन्याकुमारी तक व्यापार करती हैं। खैरागढ़ में पहली बार आना हुआ है।

चार महीने ही रहते हैं परिवार के साथ / पहले बैलगाड़ी में चलते थे। जहां तंबू लगाया, वहीं बर्तन भी बनाते। लेकिन अब ऐसा नहीं है। परिवार में बर्तन बनाने का जिम्मा पति के सुपुर्द कर बाकी सदस्यों को लेकर 50-60 हजार में ट्राला कर भारत भ्रमण को निकल जाती हैं। बारिश के चार महीने ही घर पर बीतते हैं बाकी आठ आज भी तंबू में कटते हैं।


बच्चों की पढ़ाई से अब कोई समझौता नहीं / वे खाना बदोश नहीं रहे। उनकी जाति के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छत मिल गया है। अब बच्चों की पढ़ाई से भी कोई समझौता नहीं करते। बहुत ही छोटे हुए तो साथ आते हैं, लेकिन स्कूल जाने वालों की देखभाल के लिए एक सदस्य घर पर ही रुकता है।


और इसे भी पढ़ें...

नए विधायक से अपेक्षा / अंधे मोड़ के भ्रष्टाचारियों को दें मात, नदियों को बचाने करें नई शुरुआत

Rate this item
(0 votes)
Last modified on Monday, 13 January 2020 12:28
वेब एडमिन

Latest from वेब एडमिन

Related items