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परीक्षा शुल्क में हर साल होती है बढ़ोतरी,यहाँ महोत्सव में लुटा दी अभिभावकों की गाढ़ी कमाई  Featured

ख़ैरागढ़ 00 संगीत विवि हर साल परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी करता है। जिसकी वजह से अन्य विवि की तुलना में संगीत विवि का परीक्षा शुल्क लगभग डेढ़ गुना है।जिसमें हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि कर दी जाती है। पूरे देश में विवि से संबद्ध 50 से ज्यादा केंद्र हैं। जिसके माध्यम से लाखों रूपए परीक्षा मद में जमा होते हैं।छात्रों के अभिभावकों की गाढ़ी कमाई से परीक्षा मद में जमा पैसे का खुलकर बंदरबाट किया जा रहा है। साल 2022 में सम्पन्न दीक्षांत समारोह और ख़ैरागढ़महोत्सव इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। आम तौर एक मद के पैसे को दूसरे मद में खर्च करना नियम विरुद्ध माना जाता है। लेकिन स्वायत्तता का फायदा उठाकरविवि प्रशासन परीक्षा सहित अन्य छात्र कल्याणकारी मद के पैसे को केवल वाहवाही लूटने के लिए खर्च कर रहा है। बल्कि चौगुनी राशि का खर्च दिखाकर छात्रोंके पैसे का दुरुपयोग भी कर रहा है। 

 

 

ऑनलाइन टेंडर को भी किया दरकिनार 

 

 

शासन की सभी संस्थाओं में ऑनलाइन टेंडर की सुविधा है। जहां छोटे से छोटे निर्माण कार्य के लिए भी निविदा आमंत्रित होती है। ताकि  प्रतियोगिता के चलतेशासन की राशि बचाई जा सके आम तौर पर दैनिक अखबारों में भी निविदा आमंत्रित की जाती है। निविदा प्रक्रिया में शासन एप्रूव्ड फर्म भी शामिल होती है।लेकिन विवि ने ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया भी नहीं अपनाई बल्कि करोड़ों रूपए का इवेंटिंग ठेका ऐसे ही दे दिया।

 

 

की गई है लाखों की गड़बड़ी

 

 

विवि के एफओ से लेकर आला अधिकारियों के गोल - मोल जवाब से साफ हो चुका है। दीक्षांत समारोह से लेकर ख़ैरागढ़ महोत्सव में लाखों रुपयों की गड़बड़ी कीगई है। हालांकि इवेंटिंग एजेंसी से किसे कितना लाभ हुआ है। यह साफ होना अभी बाकी है। जो जांच के बाद ही सामने आएगा। 

 

 

किस आधार पर हुआ इवेंटिंग एजेंसी का चयन

 

 

मामले में कुलसचिव आई.डी तिवारी ने निविदा कराने के पीछे आचार संहिता को एक वजह बताया था जबकि ख़ैरागढ़ महोत्सव के उक्त कार्यक्रम में मुख्यमंत्रीसहित अन्य राजनैतिक लोग शामिल हुए थे। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि व्यापक इंटर प्राइजेस,रायपुर का चयन विवि ने किस आधार पर किया था ? क्योंकिशासन की एप्रूव्ड अन्य एजेंसियां भी अस्तित्व में होंगीं।

 

 

जानिए किस कार्य में कितना खर्च  --

 

 

पेट्रोल              - 3825 रूपए 

 

स्टेशनरी           - 18730 रूपए

 

विज्ञापन           - 1,88,017 रूपए

 

व्यापक इंटर प्राइजेस - 2,49,90,271 रूपए

 

टैक्सी किराया   - 14588 रूपए

 

स्टेशनरी           - 1700 रूपए 

 

कपड़ा             - 2500 रूपए

 

एनाउंसर         - 41200 रूपए 

 

ट्रेवलिंग          - 2,13,392 रूपए

 

कलाकार        - 19,43,000 रूपए 

 

सुब्रमण्यम इंटरटेनमेंट - 22,02,346 रूपए 

 

 

इस तरह कुल 2 करोड़ 96 लाख 19 हज़ार 569 रूपए 3 दिनों के कार्यक्रम में खर्च किए गए। 

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रागनीति डेस्क-1

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