खैरागढ़. आपने सात करोड़ के खँडहर देखा है,नहीं न । तो केंद्र सरकार की आईएचएसडीपी योजना के मकानों को देखने ज़रूर आइए। नगर पालिका ने योजना के तहत 292 मकानों का निर्माण किया। नया बस स्टैंड के पीछे बसे फोकट पारा (बोलचाल में यही नाम) को यहां शिफ्ट किया जाना था। क्योंकि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित वार्डों में इसकी गिनती है। पर न लोग गए और न पालिका उन्हें विस्थापित कर पाई। हाँ 13 परिवार ज़रूर शिफ्ट हुए लेकिन वे बुरे दिनों से गुज़र रहे हैं। मकान तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। उबड़ खाबड़ पथरीला रास्ता है। बाइक से गए तो गिरना तय है,और कार से गए तो कार बेकार होना तय है। मकानों की खिड़कियां टूट चुकी हैं। सिन्टेक्स की टंकियां टूटकर बिखर चुकी हैं। मकानों के आसपास कटीली झड़ियाँ उग आईं हैं। और मकान खँडहर होना शुरू हो चुके हैं। दरवाजे तक टूटकर गिर चुके हैं। हालात इतने बुरे हैं कि जो परिवार रह भी रहे हैं। जो शाम ढलने के बाद अपने घरों में कैद जाते हैं।
होती है शराबखोरी
रात छोड़िए, दिन के उजाले में ही यहां शराबखोरी होती है। मकानों में अराजक तत्व जमे रहते हैं। जो खुलकर दोपहर भर शराब के जाम छलकाते हैं। और अनैतिक कृत्यों को अंजाम देते हैं।

सोमवार को ताले टूटे
सोमवार को इन मकानों में से 4 मकानों के अज्ञात अराजक तत्वों ने ताले तोड़ दिए। मकानों के सामने खड़ी गाड़ियों से पेट्रोल चोरी होने की घटनाएं आम हैं।
ये समस्याएं भी बरकरार
- पानी के लिए भी एक सार्वजनिक नल है,जबकि योजना अनुसार सभी मकानों में पानी की व्यवस्था होनी थी।
- कॉलोनी तक सड़क बननी थी,पर सड़क अब भी पथरीली है।
- बिजली की समस्या यथावत है,सड़क पर अंधेरा हर दम रहता है।
- झाड़ियां मकानों पर चढ़ चुकी हैं,जिसकी वजह से कीड़े मकोड़ों डर बना रहता है।
पानी की समस्या का निदान,अन्य व्यवस्था भी दुरुस्त करेंगें - सीएमओ
- सीएमओ सीमा बख्शी ने बताया कि आईएचएसडीपी में रह रहे मकानों में पेयजल के लिए नल है। सड़क की प्रक्रिया की जा रही है। अन्य व्यवस्थाएं भी जल्द दुरुस्त कर लेंगें।