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बैंक प्रबंधन के तानाशाही रवैये से बेहाल किसान Featured

 
 

ख़ैरागढ़. कोविड के बाद भले ही सभी विभागों की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही हो। पर जिला सहकारी बैंक प्रबंधन के तानाशाही रवैये से किसान परेशान हैं। भीषण गर्मी में बेतुके तर्कों के साथ बनाई गई व्यवस्था की वजह से किसानों को रोज़ाना भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य व केंद्र सरकार की नगद  योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी किसान घंटों अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं। ज्यादातर बैंकों में जहां भारी भीड़ के बावजूद सिंगल विंडो सिस्टम है। वहीं जिला सहकारी बैंक में ट्रिपल लेयर व्यवस्था को लांघने के बाद पैसा मिलता है। ऐसे छोटी नगद राशि के लिए घँटों गर्मी और धूप के बाद खड़े होना पड़ता है। बदहाल व्यवस्था के बावजूद प्रबंधन इस व्यवस्था को बदलने के लिए तैयार नहीं है।

 
बस स्टैंड बना स्थाई कॉउंटर
 
कोविड प्रोटोकाल के नाम पर बस स्टैंड परिसर में टोकन के लिए अस्थाई रूप से खोला गया कॉउंटर अब स्थाई कॉउंटर में तब्दील हो चुका है। बैंक के ग्राहक पहले भीषण गर्मी और गंदगी के बीच इसी कॉउंटर में लाइन लगाते हैं। टोकन लेने के बाद अगली लाइन बैंक के बाहर लगती है। जहां अपनी बारी के लिए गर्मी में ही खड़ा होना पड़ता है। इसके बाद बैंक के भीतर से बुलावा आने पर अंदर प्रवेश मिलता है।
 
बैंक के भीतर पर्याप्त जगह
 
जिला सहकारी बैंक का कैंपस काफी बड़ा है। जहां लोगों के लिए पर्याप्त जगह है। पर कैंपस में स्थाई व्यवस्था बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। मामले में बैंक की शाखा प्रबंधक पहले ही कह चुकी हैं कि व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा।
 
बिगड़ी बस स्टैंड की व्यवस्था
 
बैंक ग्राहकों की भीड़ के चलते बस स्टैंड की व्यवस्था बिगड़ रही है। बस स्टैंड में बाइक की लंबी पार्किंग की वजह से बसों के खड़े होने जगह नहीं बचती,जिसकी वजह से यात्रियों को भी बस पकड़ने के दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
 
किसान हो रहे परेशान
  • बिना पंखे के घँटों टोकन लेने खड़े रहते हैं किसान
  • बैंक परिसर कब बाहर घंटों करना पड़ता है इंतज़ार
  • बस स्टैंड में गंदगी का अंबार
  • बैंक के बाहर पार्किंग का संकट

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Last modified on Monday, 23 May 2022 12:42
रागनीति डेस्क-1

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