चीन के वुहान से निकलकर दुनियाभर में तबाही का सबब बने कोरोना को लेकर हैरान करने वाली खबर आई है। इसमें कहा जा रहा है कि China और WHO की निष्क्रियता के चलते लाखों के जीवन का अंत हो गया। हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एक स्वतंत्र पैनल (इंडिपेंडेंट पैनल फॉर पैंडेमिक प्रिपेयर्डनेस एंड रिस्पॉन्स) ने अपनी रिपोर्ट मंे कहा है कि अगर चीन चाहता तो कोरोना वायरस को महामारी बनने से रोका जा सकता था।
समय रहते प्रयास किए जाते तो इतना नुकसान नहीं होता। रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। इस स्वतंत्र समूह ने निष्कर्ष निकाला है कि चीन में पहला मामला सामने आते ही WHO और बीजिंग तेजी से काम कर सकते थे, लेकिन यहीं निष्क्रियता बरती गई और इन दोनों की लापरवाही के चलते पूरा विश्व कोरोना की चपेट में आ गया।
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इसी स्वतंत्र पैनल ने अपनी दूसरी रिपोर्ट भी तैयार की है, जिसमें महामारी प्रकोप के प्रारंभिक चरण के क्रोनोलॉजी के मूल्यांकन का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआती संकेतों के बाद ज्यादा से ज्यादा काम करने की जरूरत थी।
आपको बता दें कि 2019 के आखिर में कोरोना का पहला मामला वुहान में आया था। जब तक चीन इसे अपनी सीमाओं तक सीमित रखने के उपाय करता, वह पूरे विश्व में महामारी का रूप ले चुका था।
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