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लॉकडाउन कोई परमानेंट सॉल्यूशन नहीं,सरकार को रिस्क लेने की जरुरत है : राहुल गांधी Featured

By May 08, 2020 635 0
pic - zoom ऐप पर राहुल गाँधी pic - zoom ऐप पर राहुल गाँधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज 8 मई को वीडियो कॉलिंग ऐप जून पर मीडिया से बातचीत की। इससे पहले 7 मई को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, लेकिन विशाखापटनम में हुए गैस कांड के बाद इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया था। इस बातचीत में उन्होंने अर्थव्यवस्था और करोना संक्रमण को लेकर कई बातें कहीं। 

उन्होंने कहा कि सबसे पहले लोगों के अंदर से कोरोना का डर खत्म करना होगा इसके बाद ही स्थिति सामान्य हो पाएगी और देश की अर्थव्यवस्था भी सही हो पाएगी।  

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राहुल गांधी ने कोरोना वायरस को लेकर कहा कि सरकार को लोगों को यह बताना होगा कि कोरोना महामारी हर किसी को नहीं हो रही, यह सिर्फ उन लोगों को टारगेट कर रही है जो पहले से डायबिटीज, लंग प्रॉब्लम और जिनकी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है सिर्फ उन्हीं लोग इस घातक महामारी का शिकार हो रहे, हालांकि बाकी लोगों को भी इतिहात बरतने की जरूरत है लेकिन उनकी जान नहीं जाने वाली है। 

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राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन की व्यवस्था की है जिसे पृथक - पृथक क्षेत्रों में लागू किया गया है, पर राज्यों से यह खबर आ रही है कि जिन क्षेत्रों को रेड जोन में रखा गया है दरअसल वह क्षेत्र ग्रीन जोन है, और जिन क्षेत्रों को ग्रीन जोन में रखा गया है वह रेड जोन है।
असल में इस तरह जोन बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार और डीएम के पास होनी चाहिए।

मैं यह बात समझता हूं कि प्रधानमंत्री का काम करने का अपना अलग तरीका है लेकिन इस वक्त हमें एक मजबूत लीडर की ही नहीं, बल्कि एक मजबूत मुख्यमंत्री और मजबूत जिला कलेक्टर की जरूरत भी है कोरोना इन्फेक्शन को छोटे स्तर से ही रोकना होगा।

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राहुल गांधी ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि लॉक डाउन कोई परमानेंट सलूशन नहीं है सरकार को 17 मई के बाद लॉक डॉन खोलने की योजना पर गौर करना होगा।

कांग्रेस के न्याय योजना को सरकार को स्वीकार करना चाहिए भले वे इसका नाम बदलकर कुछ और रख दें हर गरीब मजदूर के खाते में सीधे पैसे जमा करने की योजना में सिर्फ 65000 करोड रुपए ही खर्च होंगे आरोग्य सेतु एप को भी ओपन सोर्स कर देना चाहिए सिंगापुर में भी यही सिस्टम है वहां भी सरकारी ऐप है पर ओपन सोर्स। यदि सरकार यह सोच रही है कि जल्दी पैसे खर्च कर देने से हालत बिगड़ जाएगी तो इस तरह का रिस्क तो लेना ही होगा

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Last modified on Friday, 08 May 2020 15:49

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