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आदिवासी युवक ने लगाया व्यवसायी नरेंद्र पर धोखे से ज़मीन हड़पने का आरोप Featured

 

ख़ैरागढ़. ज़मीन पर खरीद - फरोख्त और धोखाधड़ी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। टिकरापारा निवासी राजेश ध्रुवे पिता मोहन ध्रुवे ने नामचीन व्यवसायी नरेन्द्र जैन पर बाईपास निर्माण में प्राप्त मुआवजा राशि हड़पने का आरोप लगाया है। राजेश ने बताया कि उसे खसरा क्रमांक 117 /2 पर बाई पास रोड़ बनने से मुआवजा राशि करीब तीन साल पूर्व 22,64,000.00 अक्षरी (बाईस लाख चौसठ हजार) रूपये मिला था। उसे नरेंद्र जैन ने धोखे से हड़प लिया। राजेश ने बताया कि मेरे पिता स्व.मोहन ध्रुवे के नाम पर ग्राम खम्हरिया खुर्द खैरागढ़ में खसरा नं. 117/2 रकबा 2.50 एकड़ भूमि थी, जिसे अनावेदक अपने संस्था न्यू हैन्डस सेवा संस्थान के नाम पर कुछ कर्ज के भुगतान पेटे दिनांक 19 जून 2013 को पंजीकृत दानपत्र लिखवा लिया है। पिता के मृत्यु सन् 2015 के बाद अनावेदक की उक्त 2.50 एकड़ भूमि पर अनावेदक जबरन कब्जा कर लिया है। पिता की मृत्यु के बाद खसरा नं. 117 / 2 पर से बाईपास रोड़ निकलने पर से उसकी कीमत के रूप में शासन द्वारा 22,64,000.00 ( अक्षरी - बाइस लाख चौसठ हजार) का चेक मिला था, जिसे भी नरेंद्र ने यह कहकर हड़प लिया कि मेरा मोहन लाल धुर्वे के ऊपर बहुत कर्ज है। कहकर चेक को छीन लिया और कुछ कोरे कागज एवं एक कोरे चेक पर हस्ताक्षर कराकर दो लाख रूपये प्रार्थी को देकर पूरी राशि स्वयं हड़प लिया।

 

पिता को धोखे में रखकर ज़मीन हड़प ली

 

राजेश ने बताया कि नरेंद्र एक रसूखदार व्यक्ति है उसकी प्रमुख राजनैतिक दलों में गहरी पैठ है। इससे डरकर वह कभी उससे हिसाब नहीं पूछ सका था । गोंड़ जाति की भूमि बगैर कलेक्टर से अनुमति लिये किसी के भी हस्तांतरण नहीं की जा सकती। परंतु मेरे पिता को धोखे में रखकर ज़मीन का दान पत्र करा लिया गया। राजेश ने खुद को आदिवासी समाज का बताते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है।

 

 

वन विभाग में ड्राइवर है राजेश

 

राजेश के पिता स्व.मोहन धुर्वे खैरागढ़ वन विभाग में वनरक्षक के पद पर रहते हुए करीब 2015 में स्वर्गवास हो गया, और उनके स्थान पर आवेदक अभी वन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति पर ट्रक चालक के पद कार्यरत है, माँ-बाप दोनों का स्वर्गवास हो गया।   

 

 

दुकान में बुलाकर किया गाली गलौच

 

राजेश ने बताया कि अभी इसी साल पूर्व पी. डब्लू.डी. ऑफिस से बंद लिफफा में कुछ कगज आया जिसमें अनावेदक द्वारा खसरा नं. 117 / 2 रकबा 2.50 एकड़ के प्रमाणिकरण का आवेदन एवं दानपत्र दिनांक 19 जून 2013 की छायाप्रति रखा हुआ है । हल्का पटवारी से भूमि के बारे में पता लगाया, तो जमीन प्रार्थी के नाम पर होना पता चला है । भूमि पर कब्जा करने गया, तब नरेंद्र ने दुकान में बुलाकर अपशब्द गाली गलौज कर माँ बहन की गाली दिया गया कि साले गोंड़ भूमि के नजदीक भी गया तो वही गड़ा दूंगा । उसकी इस धमकी से प्रार्थी बहुत भयभित हो गया था । 

 

मित्र सालेचा फंसा तो आई हिम्मत

 

राजेश ने कहा कि अभी अखबार में अनावेदक के परम मित्र सालेचा के खिलाफ अपराध की खबर एवं कार्यवाही की जानकारी मिली, तब लोगों से सांत्वना मिलने पर हिम्मत आया और न्याय की प्रतिक्षा में यह निवेदन प्रस्तुत कर रहा है। राजेश ने पुलिस को बताया कि पिता के कर्ज एवज में बताकर 20,64,000.00/- (अक्षरी-बीस लाख चौसठ हजार रूपये) लूट लिया गया और कानून का मजाक उड़ाते हुए, फर्जी दानपत्र के द्वारा 2.50 एकड़ भूमि हड़प लिया है। तथा कब्जा की कौशिश करने पर जातिगत गाली देकर अपशब्दों का प्रयोग कर अश्लील गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दिया है।

 

 

जांच के बाद ही बता पाऊंगा

 

मामले में एसडीओपी दिनेश सिन्हा ने कहा इससे पहले भी एक मामला दर्ज है। जांच के बाद ही बता पाऊंगा। वहीं टीआई नीलेश पांडे ने कहा आवेदन आया है। जांच कर ही बता पाऊंगा।

 

आरोप बेबुनियाद,मिलकर बताऊंगा सच्चाई - नरेंद्र

 

मामले में व्यवसायी नरेंद्र बोथरा ने बताया कि मेरी ऐसी कोई ज़मीन नहीं है,लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। मैं अभी बाहर हूँ। वापस आकर मिलकर बताता हूँ।

 

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Last modified on Thursday, 07 July 2022 06:26
रागनीति डेस्क-1

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