हैदराबाद की कम्पनी "भारत बायोटेक" ने कहा कि वैक्सीन का नाम covaxin रखा गया है।
कम्पनी के चेयरमैन डॉ. एला ने "इंडिया टुडे" से बात की और कहा : "कि समय सीमा सिर्फ एक अनुमान है अभी क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है इस वजह से लगभग 4 महीने लग जाएंगे। यदि पहले और दूसरे चरण में वैक्सीन सफल रहा और अथॉरिटी ने पास कर दिया तो लॉन्च कर दिया जाएगा और पास नहीं किया गया तो तीसरा ट्रायल किया जाएगा "
हम 1200 लोगों के साथ वैक्सीन ट्रायल प्रारम्भ करने वाले हैं इन लोगों का पहले कोरोना टेस्ट RT-PCR के ज़रिए किया जाएगा, अगर वे टेस्ट में नकारात्मक पाए जाते हैं तो ही उन्हें वैक्सीन ट्रायल के लिए सही माना जाएगा और वैक्सीन दिया जाएगा। पहले दिन वैक्सीन का एक डोज़ दिया जाएगा,फिर 14वें दिन दूसरा डोज़ और फिर 28वें दिन उनका सैम्पल लिया जाएगा। और इसके बाद कई-कई मौक़ों पर उन सैम्पल्स की जांच की जाएगी।
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टेस्ट किये गए लोगो की पहचान उजागर नहीं की जएगी :
डॉ. एला ने बताया वैक्सीन टेस्ट में आए लोगों को हम कोरोनावायरस से उजागर नहीं करेंगे (जो कि आम ट्रायल में होता है) उनके अंदर वैक्सीन जाएगी, जिसमें कोरोना का मृत वायरस पड़ा हुआ है बॉडी को लगेगा कि बॉडी पर वायरस का आक्रमण हुआ है शरीर की प्रतिरोधकता इसके खिलाफ़ एंटीबॉडी बनाएगा। फिर हम इन लोगों का ब्लड सैम्पल लेंगे। उस सैम्पल में अलग से कोरोनावायरस छोड़ेंगे। अगर कोरोना वायरस उस ब्लड सैम्पल में अपनी संख्या नहीं बढ़ाता है, तो हम समझेंगे कि वैक्सीन काम कर गयी।
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