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भाजपा नेता राजू ने लगाए ट्रस्ट पर आरोप,कहा - ट्रस्टियों की मंशा सम्पति पर कब्ज़ा करना Featured

 
 
खैरागढ़. भाजपा नेता राजू यदु ने श्री राम मंदिर ट्रस्ट समिति की मंशा पर सवाल उठाएं हैं। राजू ने कहा कि राम मंदिर बर्फानी आश्रम में मौजूदा हालात को देखकर स्पष्ट रूप से यह प्रतीत होता है कि ट्रस्ट समिति व बर्फानी दादा के शिष्यों  की मंशा मंदिर व उसकी संपत्ति पर आधिपत्य स्थापित करना है। जबकि वार्डवासियों की मंशा है कि मंदिर परिसर में धार्मिंक वातावरण बने। यह साधु-संतों का आश्रय स्थल बने। इसका उपयोग बगैर किसी भेदभाव के ईमानदारी पूर्वक जनकल्याण व वार्डवासियों (पुराना व नया टिकरा पारा) के हितों के लिए किया जाए न कि व्यवासायिक लाभ के लिए किया जाए। 
 
उठाए ये सवाल : - 
  • श्री बर्फानी बाबा जी ट्रस्ट समिति द्वारा आर्थिक अनियमितता बरती गई है। आश्रम में बने भवन को विभिन्न कार्यक्रमों के लिए किराए पर दिया जाता रहा है। किंतु किसी को पक्की रसीद नहीं दी गई। अतः आय-व्यय की जांच होनी चाहिए।   
  • श्री राम मंदिर के दायीं ओर नजूल भूमि में आश्रम का निर्माण किया गया है। आश्रम निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा ली गई है या नहीं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। साथ ही श्री रामचंद्र स्वामी व श्री रामचंद्र जी मंदिर के नाम से खसरा नंबर 1077 व 192 राजस्व रिकार्ड में दर्ज जमीन का सीमांकन कर यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि श्री राम मंदिर के नाम से कुल कितना व कहां-कहां जमीन है। 
  • 1970-1972 (जानकारी के मुताबिक 9 फरवरी 1972 को एक रूपए के स्टांप पेपर में) को राजा आदरणीय रविंद्र बहादुर जी ने इस मंदिर व आसपास की जमीन को बर्फानी बाबा को दान दिया था। जमीन दान की वैधानिकता व जिस उद्देष्य व षर्त के साथ जमीन दान दिया गया था, उसका पालन किया जा रह है कि नहीं। इसकी भी जांच होनी चाहिए। 
  
रखी ये मांग : - 
  • खैरागढ़ की धार्मिक व ऐतिहासिक धरोहर करीब 300 वर्ष पुराना श्री राम मंदिर का भव्य नवनिर्माण किया जाए। 
  • मंदिर का नाम श्री राम मंदिर बर्फानी आश्रम लिखा जाए।  स्थानीय लोगों की उपेक्षा के बजाय उनकी प्रभावी भूमिका सुनिश्चित की जाए।
  • आश्रम का उपयोग धर्म-समाज के हित व कल्याण के लिए किया जाए, न कि इसकी आड़ में व्यावसायिक गतिविधियों को अधिक महत्व न दिया जाए।
  • पुराना टिकरापारा व नया टिकरापारा के रहवासियों को मंदिर का भवन रियायती दर पर उपलब्ध हो। गरीब कन्याओं व अन्य आवश्यक कार्यों के लिए भवन को न्यूनतम से न्यूनतम दर में किराए पर उपलब्ध किया जाए। 
  • श्री राम मंदिर के पीछे स्थित खाली भूमि पर बाल उद्यान, तुलसी वन, औषधि वन, पुष्वाटिका विकसित की जाए। बाकी भूमि पर शादी व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए भवन का निर्माण किया जाए। ताकि मंदिर परिसर के अंदर बने भवन व हाॅल का उपयोग केवल धार्मिक गतिविधियों के लिए ही आरक्षित रखा जाए। इससे मंदिर परिसर में षादी व अन्य आयोजनों के दौरान होने वाले शोर—शराबा, मांस-मंदिरा व अन्य अधार्मिक कार्य न हो सके।
 
 
 
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रागनीति डेस्क-1

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