रायगढ़। नगर निगम में चुनाव के 7 माह के बाद बुलवाई गयी विशेष बैठक विवादों में घिर गई। विपक्ष में बैठी भाजपा के पार्षदों ने बैठक में जनहित के मुद्दे नही रखने का आरोप लगाते हुए बहिष्कार कर दिया। बीजेपी पार्षदों का कहना है कि शहर सरकार अपनी जवाबदेही से भाग रही है इसलिए साधारण सम्मेलन की बैठक के बजाय विशेष सम्मेलन बुलवाया गया है। नगर निगम सभापति का कहना है कि कोविड 19 की बजह से बैठक नही बुलवाई जा सकी थी। बीजेपी पार्षदों को चाहिए कि बहिष्कार की राजनीति छोड़ कर बैठक में हिस्सा लें।
नगर निगम चुनाव के साथ ही 6 जनवरी को नई शहर सरकार का गठन हो गया था। चुनाव के 7 माह बाद पहली बार पार्षदों की बैठक तो बुलवाई गयी है लेकिन साधरण सम्मेलन के स्थान पर विशेष सम्मेलन बुलवाया गया है। आज विशेष सम्मेलन के शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने सवालों की झड़ी लगा दी। भाजपा पार्षद दल के नेता पंकज कंकरवाल ने कहा कि इसके पूर्व बैठक की सूचना दी गई थी लेकिन लॉक डाउन होने से बैठक नही हो पाई। आज इस विशेष सम्मेलन के स्थान पर परिषद की बैठक बुलवाई जानी थी और पूर्व में जो पार्षदों ने सवाल लगाए थे उन्हें जोड़ा जाना था लेकिन ऐसा कुछ नही किया गया। उंन्होने भाजपा पार्षदों की ओर से लिखित में अपनी आपत्ति दर्ज कराई जिसके बाद बैठक के बहिष्कार की घोषणा करते हुए सभी भाजपा पार्षद बाहर निकल गए। हालांकि बहुमत के आधार पर सभापति ने बैठक की ओपचारिकता पूरी करवा ली।
इधर मीडिया से चर्चा करते हुए भाजपा पार्षद दल के नेता पंकज कंकरवाल ने कहा कि सभापति की मंशा सही नही है। सीसी टीवी का भुगतान, मास्क खरीदी,सेनेटाइजर खरीदी में भ्र्ष्टाचार के मुद्दे पर प्रश्न पूछे जाने थे इसलिए साधारण सम्मेलन की बैठक नही बुलवाई गयी। डेंगू के बहाने से बैठक की ओपचारिकता की जा रही है। इधर सभापति जयंत ठेठवार ने भाजपा पार्षदों को बहिष्कार की राजनीति करने के बजाय बैठक में थ कर सुझाव देने की बात कही।