चिकित्सा में सफलता/ इंप्लांट में एक्सपर्ट खैरागढ़ के डॉ. शैलेंद्र त्रिपाठी ने बिलासपुर के डॉ. लोकेश छापड़िया और भिलाई के डॉ. रितेश झा जैसे विशेषज्ञों के साथ मिलकर पहली बार की सर्जरी।
दांतों के एक्सपर्ट/ इंप्लांट करने में माहिर हैं डॉ. त्रिपाठी

नियाव@ खैरागढ़
अब खैरागढ़ के लोगों को दंत चिकित्सा या सर्जरी के लिए दुर्ग-भिलाई पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं। खैरागढ़ में दांत की हर बीमारी का इलाज संभव है। डॉ. शैलेंद्र त्रिपाठी और उनकी टीम ने हालही में 72 वर्षीय एक महिला के सारे दांत निकालकर सर्जरी की और पांच घंटे में बत्तीसी लगा दी। इससे पहले दांत का इतना बड़ा ऑपरेशन खैरागढ़ में नहीं हुआ।
डॉ. शैलेंद्र ने बताया कि बुजुर्ग महिला दांतों में दर्द की शिकायत लेकर आई थी। आगे के सारे दांत हिल रहे थे। खाने में समस्या हो रही थी। इसे देखते हुए सर्जरी करने की सोची। बिलासपुर के डॉ. लोकेश छापड़िया और भिलाई के डॉ. रितेश झा से इस बारे में चर्चा की। उनकी हामी भरते ही पेशेंट को तारीख दी और शनिवार को ऑपरेशन किया। डॉ. त्रिपाठी इंप्लांट एक्सपर्ट हैं तो पांच घंटे के इस ऑपरेशन में उन्होंने चार टाइटेनियम की प्लेट अंदर डाली और डॉ. छापड़िया और डॉ. झा ने नए दांत लगाए। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि एक इंप्लांट का 10 से 15 हजार रुपए खर्च आता है। दांतों की बीमारी से बचने के लिए हर 6 माह में डेंटिस्ट के पास जाना चाहिए। दुर्ग-भिलाई में वे सर्जरी कर चुके हैं, लेकिन खैरागढ़ में यह पहली बार हुआ।