Print this page

भिलाई की संस्था कला परंपरा ने भी उठाई शिक्षा में सरगम की मांग

By December 23, 2018 985 0

मिलाया सुर / प्रो. मांडवी सिंह ने कहा- समस्त कलाओं के विकास के लिए जरूरी है छत्तीसगढ़ कला अकादमी की स्थापना।

नियाव@ खैरागढ़

शिक्षा में सरगम की मांग अब एक अभियान का रूप ले चुकी है। भिलाई की संस्था कला परंपरा ने इसे अपने तरीके से उठाया है। संस्था चाहती है कि मध्यप्रदेश के भोपाल में स्थित भारत भवन की तर्ज पर प्रदेश में छत्तीसगढ़ कला अकादमी की स्थापना हो। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने भी इसका समर्थन किया और समस्त कला के विकास के लिए इसे जरूरी बताया है।


कला अकादमी के गठन को लेकर शासन से किए जाने संबंधी अभियान के तहत शनिवार को खैरागढ़ पहुंचे कला परंपरा के प्रतिनिधि मंडल ने विश्वविद्यालय की कुलपति से मुलाकात की। उनके साथ हुई बैठक में इस अभियान के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. डीपी देशमुख ने अकादमी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कहा कि छत्तीसगढ़ कला अकादमी का अविलंब गठन होना चाहिए। कलाकारों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने संस्कृति विभाग का बजट बढ़ाया जाए ताकि कलाकारों को प्रस्तुति का भुगतान एक माह के भीतर हो सके। कला संस्कृति को सीधे तौर पर रोजगार से जोड़ने प्राइमरी स्तर के स्कूलों से कला एवं साहित्य शिक्षक की नियुक्ति किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ी भाषा एवं कला के उत्थान के लिए प्राइमरी मिडिल एवं उच्च स्तरों पर अनिवार्य रूप से छत्तीसगढ़ी में अध्यापन किया जाए।


योजनाएं बनेंगी तो मिलेगा लाभ: गोरेलाल

वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. गोरेलाल चंदेल ने कहा कि अकादमी के माध्यम से कला जगत को लाभ होगा। डाॅ. जीवन यदु ‘राही‘ का अभिमत था कि कला जगत के विद्यार्थीयों को इस अकादमी के माध्यम से रोजगार सुलभ होगा। खैरागढ़ संयोजक डाॅ. राजन यादव ने कहा- ये वरदान सिद्ध होगा।


जानिए क्या हैं कला परंपरा की अन्य मांगें

0 कम से कम प्रत्येक कक्षाओं में एक विषय छत्तीसगढ़ी का हो। राज्य के अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में एक विषय छत्तीसगढ़ी अनिवार्य हो।

0 लोककला के उन्नयन के लिए कम से कम 10 पर्यटन स्थलों में शासकीय स्तर पर लोककला की प्रस्तुति हो।

0 कलाकारों एवं साहित्यकारों को बीमारी, दुर्घटना, मृत्यु आदि की स्थिति में उन्हें नियमतः तत्काल आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाए।

0 विश्वविद्यालयों में एमए छत्तीसगढ़ी व छत्तीसगढ़ी में डिप्लोमा प्रारंभ किया गया है। ऐसे डिग्रीधारी विद्यार्थियों के लिए रोजगार उपलब्ध कराना जरूरी है।


और इसे भी पढ़ें...

सरकारी अस्पताल में नौकरी कर रहा बेटा, मां सजा रही लोहे के बर्तनों का बाजार

Rate this item
(0 votes)
Last modified on Thursday, 09 January 2020 12:07
वेब एडमिन

Latest from वेब एडमिन