घाट के पास नदी में उग आई जंगली घास को उखाड़ फेकने पिपरिया की 10 महिलाओं ने लगाया दम
नियाव@ खैरागढ़
नगर की नालियों का गंदा पानी नदियों में जा रहा है। नदियां गंदी हो रही हैं। पिपरिया, आमनेर और मुस्का, तीनों नदियों का हाल यही है। नगर पालिका के अफसर भी ये जान रहे हैं। नेता भी अंजान नहीं। लेकिन कोई इसे गंभीरता से ले ही नहीं रहा। ऐसे में जिम्मेदारों की निष्क्रियता को चुनौती देने सामने आई हैं पिपरिया की 10 महिलाएं। जो हर हफ्ते घाट के पास इकट्ठा होती हैं और अपनी क्षमता के अनुसार सफाई कर वापस लाैट जाती हैं। रविवार सुबह भी इनका समूह जुटा। नदी में डूबकर घास उखाड़े। तकरीबन दो घंटे तक मुहिम चली। फिर अगली बार का सफाई का संकल्प लेकर वापस लौट गईं। इन महिलाओं की लीडर शबाना बेगम का कहना है कि पानी बहुत ही गंदा हो चुका है। दस मिनट रुकने से ही खुजली होने लगी है।
60 परिवार निस्तारी के लिए करते हैं उपयोग
शबाना ने बताया कि पिपरिया के लगभग 60 परिवार इसी घाट के पानी का उपयोग निस्तारी के लिए करता है। इससे पहले घाट की सफाई की गई थी। पिछले दो सप्ताह से घास उखाड़ने का काम किया जा रहा है। आगे भी काम करने के लिए संकल्पित हैं।
ये हैं नदी की सफाई करने वाले 20 हाथ
शबाना के साथ पिपरिया में ही रहने वाली गिरजा पटेल, सुकवारो पटेल, कीर्ति वर्मा, तारिणी साहू, तिला साहू, हेमलता साहू, शिवकुमारी साहू और निश्वरी साहू भी जुड़ी हुई हैं। सभी का कहना है कि उनकी इस मुहिम से पूरा नगर जुड़ जाए और शासन से भी मदद मिले तो नदियां साफ हो जाएंगी।