खैरागढ़. परिसीमन को षडय़ंत्र बताने वाले भाजपा नेताओं से कांग्रेस ने पूछा है कि शहर में जोड़े गए मोंगरा गांव की चिंता उन्हें आज हो रही है? दो दिन पहले शुक्रवार (14 अगस्त) को जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। इसी बयान को लेकर नगर पालिका के सभापति मनराखन देवांगन ने पलटवार किया है। वाट्सएप पर भेजे अपने बयान में उन्होंने 15 साल की खामियां गिनाई और भाजपा के कार्यकाल को कटघरे में खड़ा कर दिया। Khairagarh Politics: इलेक्शन के साइड इफ़ेक्ट ...
मनराखन ने कटाक्ष किया कि भाजपा द्वारा परिसीमन के विरोध में बयान सुनकर लगा कि 15 साल की सत्ता से उतरने के बाद अब कम से कम विरोध करना शुरू किया है! फिर बोले, ‘जिन्होंने निजी स्वार्थ और फायदे के लिए नगर पंचायत को नगर पालिका बनाया। पांच गांवों, धनेली, मोंगरा, लालपुर, अमलीडीह खुर्द और पिपरिया, को नगर पंचायत में जोडक़र उनका भविष्य खत्म किया। विकास का सपना दिखाकर मनरेगा जैसे कार्यों से दूर किया।’
‘तत्कालीन मुख्यमंत्री जी ने नगर विकास का जो सपना दिखाया जो आज तक पूरा नहीं हो पाया। नए बने वार्डों में विकास के बजाय ग्रामीण परिवेश अब भी कायम है। उन गलियारों में खुद जाकर देखें। जब गांव को जोड़ा तब इसका अहसास नहीं हुआ, अब संपूर्ण विकास के लिए सरकार परिसीमन करवा रही है तो उन्हें दुख हो रहा है।’
मनराखन ने खला आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने नगर पालिका में अपने कार्यकाल के तीन साल भाजपा शासनकाल में ही पूरे किए। तब भी भाजपा के नेताओं ने फकत शिकवा-शिकायत की। होने वाले कार्यों में रोड़ा अटकाया। एक भी नया काम लेकर नहीं आए। दो ही साल हुए हैं काम में तेजी आए, जिसमें ठेकेदारों को नोटिस देकर काम शुरू कराए गए। इसमें भी भाजपा दिक्कत बढ़ा रही है।
मनराखन ने कहा, ‘नगर पालिका चुनाव कांग्रेस अपने दम पर पूरी ताकत से लड़ेगी। प्रदेश की भूपेश सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। जनहित के कार्यों और योजनाओं के आधार पर जनता के पास जाएंगे। परिसीमन का विरोध करने वाले अपनी हार को प्रदर्शित कर रहे हैं। परिसीमन एक सामान्य प्रक्रिया है भाजपा को अपने प्रत्याशियों पर भरोसा होना चाहिए। जनता सब समझ रही है।’ Khairagarh: विक्रांत ने Congress पर साधा निशाना, पूछा- क्या जोगी कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लडऩा चाहती है कांग्रेस? ...
सभापति देवांगन ने बैठक की सूचना नहीं मिलने पर नाराज हुए सांसद संतोष पांडेय से भी सवाल पूछा है। उनका कहना है कि सांसद ने 13 अगस्त की बैठक तो स्थगित करा दी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद पिछले सवा साल नगर पालिका से दूर क्यों रहे? सवा साल में फूटी कौड़ी भी नगर विकास के लिए नहीं दी। अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने में भी असफल रहे।
मनराखन ने अपने बयान में पूरी तरह से विक्रांत सिंह के कार्यकाल को फोकस किया है। आपको बता दें कि वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत ङ्क्षसह तकरीबन 13 साल, पहले नगर पंचायत और बाद में नगर पालिका अध्यक्ष रहे। उन्हीं के कार्यकाल में पांच गांवों को जोडक़र नगर पालिका का गठन किया गया। Khairagarh की सियासत पर 'पंडित' का पंच ...
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