खैरागढ़. जिले में एक बार फिर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्राम भोरमपुर निवासी विनोद सिंह राजपूत ने पुलिस अधीक्षक खैरागढ़ को आवेदन सौंपते हुए आरोप लगाया है कि श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के लाभ दिलाने के एवज में विभागीय कर्मचारी रिश्वत की मांग कर रहे हैं।
विनोद सिंह, जो कि गंडई बस स्टैंड स्थित सीएससी सेंटर का संचालन करते हैं, ने अपने आवेदन में बताया है कि वे हितग्राहियों के श्रम कार्ड पंजीयन, नवीनीकरण एवं विभागीय योजनाओं हेतु आवेदन करते हैं। इन आवेदनों का निरीक्षण श्रम निरीक्षक लोकेन्द्र वैष्णव द्वारा किया जाता है, जो हर आवेदन के बदले में पैसों की मांग करता है।
विनोद का कहना है कि लोकेन्द्र वैष्णव ने सीधे रिश्वत नहीं लेकर शिवकुमार साहू नामक व्यक्ति को वसूली के लिए माध्यम बनाया है, जो मोबाइल ऐप फोनपे के माध्यम से राशि की मांग करता है। पैसे न देने की स्थिति में हितग्राहियों के आवेदन निरस्त कर दिए जाते हैं या बार-बार "अपूर्ण" बताकर वापस कर दिए जाते हैं, जिससे लाभार्थी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं।
शिकायत में दो विशेष प्रकरणों का उल्लेख किया गया है—रंजुबाई वर्मा और शैलेन्द्री बाई साहू, जिनके आवेदन बार-बार निरस्त किए गए। आवेदक ने दावा किया है कि उन्होंने सभी दस्तावेज समय पर और सही तरीके से जमा किए, फिर भी रिश्वत न देने के चलते बार-बार तकनीकी आपत्तियाँ बताकर आवेदन निरस्त कर दिया गया।
विनोद सिंह ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने पैसा देने से इनकार किया, तो लोकेन्द्र वैष्णव ने स्पष्ट रूप से कहा कि "बिना पैसा दिए कोई काम नहीं होता, ऊपर तक पैसा जाता है।"
इस मामले ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली और श्रम विभाग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो यह न केवल हितग्राहियों के अधिकारों का हनन है, बल्कि शासन की योजनाओं को पंगु बनाने वाला कृत्य भी है।
विनोद सिंह ने मांग की है कि उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए। फिलहाल जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
आरोप निराधार है, मैं आपसे मिलकर बात करता हु।
लोकेंद्र वैष्णव, श्रम निरीक्षक छुईखदान