Print this page

छत्तीसगढ़ में आदिवासी बच्चों से पिछड़ गया शिक्षा हब

By September 18, 2018 791 0

रायपुर। आदिवासी बच्चों में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी है, इसका प्रमाण दशकोंबाद मिला है। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की ओर से देश्ाभर में कक्षा 10वीं स्तर पर आयोजित नेशनल अचीवमेंट सर्वे परीक्षा-2018 के परिणाम के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। सर्वे में अबूझमाड़िया व आदिवासी अंचलों के जनजाति व विशेष पिछड़ी जनजातियों ने शिक्षा हब रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, कोरबा, राजनांदगांव, कवर्धा जैसे इलाकों के बच्चों को पछाड़ दिया है।

सरगुजा के बच्चों का गणित सबस मजबूत

सर्वे के मुताबिक पहले नंबर पर सरगुजा के बच्चों की गणित व अंग्रेजी सबसे ज्यादा मजबूत है। दूसरे नंबर पर दंतेवाड़ा, तीसरे में जशपुर और चौथे नंबर पर सूरजपुर के बच्चों ने बाजी मारी है। सरगुजा जहां खैरवार जनजाति, कंवर, ओरांव, पहाड़ी कोरवा, कमार आदि विशेष जनजातियां रहती हैं, वहीं जशपुर में ओरांव, बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, कमार, कोरकू, मोवासी, बवारी, रूमा, नहाला, बोडोया आदि जनजातियां हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो इन इलाकों में अब जागरूकता बढ़ी है, दंतेवाड़ा में अबूझमाड़िया और सूरजपुर में खैरवार आदि जनजातियों व आदिवासी बहुल क्षेत्र से एक सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा जा सकता है। आदिम जाति एवं जनजाति व स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप इन इलाकों के बच्चों के बेहतर परफार्मेंस को लेकर संतुष्ट हैं। उनका कहना है कि सुविधाएं बढ़ने से बच्चों ने अपनी प्रतिभा दिखा दी है।

Rate this item
(0 votes)
Last modified on Thursday, 09 January 2020 12:18
वेब एडमिन

Latest from वेब एडमिन