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दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या के आरोपी को फांसी की सजा  Featured

 

राजनांदगांव. एक साल पहले साढे़ तीन वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर देने वाले आरोपी को राजनंदगांव फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। राजनांदगांव शहर के चिखली पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कांकेतरा में बीते 22 अगस्त वर्ष 2020 को एक साढे़ तीन वर्षीय मासूम बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर उसे अपने घर बुलाने के बाद उसके साथ दुष्कर्म करते हुए बच्ची की चीख-पुकार की बंद करने आरोपी ने तकिए से उसका मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने गांव के ही 25 वर्षीय आरोपी शेखर कोर्राम को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलता रहा, बच्ची और उसके परिवार के पक्ष में शहर में रैलियां भी निकली और आरोपी को त्वरित फांसी देने की मांग की गई।

 

कोरोना काल के बावजूद एक वर्ष में मिला न्याय

कोरोना काल की वजह से कोर्ट बंद रहने के चलते मामले की सुनवाई में कुछ बाधाएं आई इसके बावजूद फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष जज अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश शैलेश शर्मा ने त्वरित न्याय करते हुए लगभग 1 वर्ष में ही आज आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता परवेज अख्तर ने कहा है कि बच्चे के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने वाले आरोपी को आज फांसी की सजा दी गई है, हाईकोर्ट से पुष्टि होने के बाद फांसी की तारीख तय होगी। 

 

डीएनए से हुई पुष्टि

फास्ट ट्रैक कोर्ट में मासूम बच्ची की दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़ित पक्ष को त्वरित न्याय देने के लिए डीएनए टेस्ट के जरिए मामले की पुष्टि की गई, इसके बाद अन्य सबूतों और गवाहों के आधार पर आरोपी को फांसी की सजा धारा 302 के तहत सुनाई गई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में त्वरित न्याय देते हुए जिले में इस तरह के आरोप की पुष्टि के बाद फांसी की सजा का यह पहला मामला है। 

 

समाज में गया सकारात्मक संदेश

इस ऐतिहासिक फैसले से पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है, तो वहीं इस तरह के अपराधियों का हश्र ऐसा ही होने को लेकर लोगों ने न्याय और कानून व्यवस्था पर आस्था जताई है। इस फैसले से समाज में सकारात्मक संदेश का संचार भी हुआ है।

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Last modified on Monday, 13 September 2021 19:07

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