खैरागढ़ नया बस स्टैंड में समर्थकों के साथ जन्मदिन मना रहे सांसद संतोष पांडेय के सामने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपनी पीड़ा रखी। उन्होंने सांसद को ज्ञापन सौंपा और बताया कि कोरोना काल में विषम परिस्थिति को देखते हुए यूजीसी ने विद्यार्थियों के प्रति उदारता दिखाई है, लेकिन विश्वविद्यालय का रवैया ठीक नहीं।
छात्रों की आर्थिक परिस्थितियों को नजरअंदाज करते हुए विश्वविद्याल प्रबंधन ने फीस में वृद्धि कर दी है। दृश्यकला संकाय के छात्र-छात्राओं ने सांसद पांडेय को बताया कि हम सभी हर समेस्टर की परीक्षा शुल्क जमा करते हैं। इसके एवज में परीक्षा विभाग द्वारा परीक्षा सामग्री यानी रंग, कागज, कैनवास आदि उपलब्ध कराया जाता है। इसकी वजह से परीक्षा शुल्क भी अधिक होती है।
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इस बार महामारी के चलते पिछले एक सेमेस्ट से सभी परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही हैं। वहीं परीक्षा में उपयोग की जाने वाली सामग्री का खर्च भी छात्र ही वहन कर रहे हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने शुल्क में किसी तरह की कटौती नहीं की, उल्टे फीस बढ़ा दी। छात्रों ने सांसद से अनुरोध किया कि वे उनकी मदद करें।
कैंपस-2 में किया जा रहा दुर्व्यवहार
चर्चा के दौरान छात्र-छात्राअों ने कहा कि उन्होंने 21 दिसंबर को आवेदन देकर शुल्क में कटौती करने की मांग की थी, लेकिन 10 दिन बीतने के बाद भी प्रशासनिक अफसरों से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कैंपस-2 जाने पर उन्हें एक कैबिन से दूसरे कैबिन भटकाया जाता है। कभी कहते हैं ऊपर परीक्षा विभाग जाओ, तो कभी नीचे रजिस्ट्रार ऑफिस। रजिस्ट्रार मिलते नहीं और कुलपति से मिलने नहीं दिया जाता।
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सुबह 10 बजे के पहले कैंपस में प्रवेश निषध
छात्र-छात्राओं से सांसद को यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के कैंपस-1 में सुबह 10 बजे से पहले उनका प्रवेश वर्जित किया गया है। ऐसा लगता ही नहीं कि हम वहां के छात्र हैं। छात्रों ने सांसद को दिए ज्ञापन के साथ कुलसचिव को लिखे गए आवेदन की प्रति भी संलग्न की है।
सांसद संतोष पांडेय ने दिया आवश्वासन
सांसद संतोष पांडेय ने पहले तो सभी छात्र-छात्राओं का परिचय पूछा। इसमें कोई झारखंड से था, तो कोई महाराष्ट्र से। अलग-अलग विद्यार्थियों के बारे में जानने के बाद उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में देशभर से छात्र आते हैं। उन्होंने भागवत शरण सिंह से कहा कि इसकी जानकारी लेकर उन्हें बताएं। साथ ही वे बोले कि वे एक दिन विश्वविद्यालय भी आएंगे और सभी छात्रों से बात करने के बाद कुलपति से मिलेंगे।
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