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खैरागढ़ में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते 32 वर्षीय आदर्श पिता कृष्णजय सिंह की मौत हो गई। घटना के दूसरे दिन मंगलवार (29 दिसंबर) को हरकत में आए प्रशासनिक अमले ने दाऊचौरा रपटा के पास स्थित कथित डॉक्टर देवीलाल भवानी के ठिकाने पर दबिश दी।
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राजस्व अमले के साथ स्वास्थ्य विभाग और थाने का स्टाफ भी मौके पर पहुंचा। वहां उस कमरे में ताला लगा मिला। खिड़की से देखने पर पता चला कि उस कमरे को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में बैठक की व्यवस्था है और दूसरे में बिस्तर लगा हुआ है, जो संभवत: ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं एक प्लेट दिखाई दी, जैसा ऑपरेशन थिएटर में औजार रखने के लिए उपयोग में लाई जाती है।
कमरे में दवाइयों के पैकेट भी दिखाई दिए। जाहिर है कि भवानी का सारा कारोबार इसी कमरे से चल रहा था। बाहर से जायजा लेने के बाद अफसरों को भी यह बात समझ में आ गई। इसके बावजूद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई गई। सामान जब्त कर पंचनामा तैयार करने की बजाय कमरे को सील कर दिया गया।
दरवाजे पर एक पर्ची चिपकाई गई, जिसमें लिखा है, ‘आज दिनांक 29.12.2020 को इस भवन को मेरे द्वारा सील एवं हस्ताक्षर से सील किया गया है, जिसे मेरी सहमति के बगैर सील का तोड़ा जाना दंडनीय अपराध होगा।’ इसके नीचे नायब तहसीलदार का हस्ताक्षर है।
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झोलाछाप डॉक्टर की कथित क्लिनिक में दबिश देने पहुंचे प्रशासनिक अमले में नायब तहसीलदार लीलाधर कंवर, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीएस परिहार, आयुर्वेदिक चिकित्सक नेहा साहू, राजस्व निरीक्षक सुभाष खोब्रागढ़े, एएसआई एआर साहू और एकाउंटेंट संजय श्रीवास्तव शामिल थे।
प्रशासनिक अमले ने जिस कमरे को सील किया, वह अरुण भारद्वाज के मकान में है। भवानी अपना सारा कारोबार इसी एक कमरे से संचालित करता आ रहा है। बताया गया कि वह रोजाना चार से पांच ऑपरेशन यहां करता है और उससे इलाज कराने वालों में ज्यादातर ग्रामीण मरीज हैं।
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युवक की मौत के बाद सोमवार को जिला अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया गया है, लेकिन इसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। पीएम रिपोर्ट में ही मौत के कारणों का खुलासा होगा। इसी से पता चलेगा कि आखिर मौत कितने घंटे पहले हुई थी। राजनांदगांव से रिपोर्ट पहुंचने के बाद ही पुलिसिया कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
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