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खैरागढ़. धान को लेकर प्रदेश में छिड़ी सियासत के बीच भाजपा के विधानसभा स्तरीय प्रदर्शन से खैरागढ़ में बैठक हुई, जिसमें राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने फिर बयान दिया कि दिल्ली के आंदोलन में खालिस्तानी बैठे हैं। उन्हें फारेन फंडिंग हो रही है। वहां बैठे लोग पिज्जा खा रहे हैं, जबकि किसान खेतों में हैं।
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इससे पहले भी सांसद संतोष पाडेय ने आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया था। वे बोले थे कि आंदोलन में बैठे लोग अर्बन नक्सली हैं। शनिवार को खैरागढ़ के राजपूत भवन में हुई कार्यकर्ताओं की बैठक में उन्होंने एक बार फिर किसान आंदोलन को टारगेट में लिया।
उन्होंने कहा कि 2004 में आई स्वामीनाथन रिपोर्ट मनमोहन सरकार में धूल खाते पड़ी थी। नरेंद्र मोदी की सरकार ने उसी रिपोर्ट के आधार पर कृषि विधेयक के तीनों बिल पारित किए हैं।
इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार को भी घेरा। बोले- छत्तीसगढ़ सरकार धान को लेकर केंद्र के भरोसे ही 2500 रुपए देना चाह रही है, जबकि एमएसपी के आगे की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी चाहिए। इसके लिए भी उन्होंने एक हजार करोड़ का ऋण लिया है।
सांसद बोले- लोकसभा में मेरा पहला संबोधन किसानों को लेकर ही था। मैंने ही सरगुजा में हुई किसान की मौत का मुद्दा उठाया था। आज धान खरीदी को लेकर सरकार इतना कर्ज ले चुकी है कि नर-नारी सभी कर्ज से लद चुके हैं।
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बैठक में पूर्व विधायक कोमल जंघेल, खम्हन ताम्रकार, श्यामपाल ताम्रकार, दीपाली जैन, विकेश गुप्ता, प्रेम चंद्राकर, अरविद्र शर्मा, नूनकरण साहू, अनिल अग्रवाल, निजाम मंडावी, प्रकाश जंघेल, तरुण सिंह, आलोक श्रीवास, राजू यदु, शशांक ताम्रकार।
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