भाजपा की आपत्ति: परिसीमन में काटे जा रहे भाजपा नेताओं के वर्चस्व वाले वार्ड
खैरागढ़. परिसीमन को लेकर गंजीपारा वासियों के बाद शुक्रवार को भाजपा ने भी आपत्ति दर्ज कराई। कहा- षडय़ंत्र के तहत भाजपा नेताओं के वर्चस्व वाले वार्ड काटे जा रहे हैं। इस दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने विधायक देवव्रत सिंह का नाम लिए बिना कांग्रेस पर निशाना साधा। पूछा- क्या जोगी कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लडऩा चाहती है कांग्रेस? उनका खुद का कोई नेतृत्व नहीं है? फिर बोले- चाहे कितना भी षडय़ंत्र कर लें, लेकिन जीत नहीं पाएंगे। Khairagarh: परिसीमन पर गंजीपारा वासियों ने दर्ज कराई पहली आपत्ति, बोले- खत्म हो रहा अस्तित्व
विक्रांत ने कहा कि पांच साल कांग्रेस के कार्यकाल में विकास नहीं विध्वंस हुआ। इसे छिपाने और इससे उबरने के लिए ही सारी साजिश रची जा रही है। परिसीमन के बहाने भाजपा समर्थित वार्डों पर निशाना साधा जा रहा है ताकि कांगेस को इसका लाभ मिल सके। इसी का विरोध करने आए हैं। चर्चा के दौरान विक्रांत बोले- आज जोगी कांग्रेस के लोग जैसा बोल रहे हैं वैसा ही हो रहा है। मेरी ही वार्ड गंजीपारा का अस्तित्व खत्म कर दिया गया। एक बड़े हिस्से को काटकर राजफेमली से जोड़ दिया गया। इसी तरह पूर्व मंडल अध्यक्षों व वरिष्ठ भाजपा नेताओं के वार्डों का परिसीमन भी औचित्यहीन है। बिफरे सांसद, तो रद्द करनी पड़ी नगर पालिका परिषद की बैठक
इससे पहले एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए विक्रांत ने स्पष्ट कहा कि महज औपचारिकता न समझा जाए। सुनवाई के दौरान सभी दल के प्रतिनिधियों के साथ बुद्धिजीवियों और पत्रकारों की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जाए। विक्रांत के साथ विरोध जताने उपाध्यक्ष रामाधार रजक, पूर्व मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र जैन, विकेश गुप्ता, संजय शर्मा, शेष नारायण यादव, नीलिमा गोस्वामी, गिरवर पटेल, अरुण यदु आदि मौजूद रहे। Khairagarh की सियासत पर 'पंडित' का पंच
जानिए प्रभावित वार्डों में इन भाजपा नेताओं का है वर्चस्व
जानिए भाजपा नेताओं की किस वार्ड में क्या हो जाएगी आपत्ति
0 पहले राजनांदगांव-कवर्धा मार्ग को आधार बनाकर पिपरिया को दो वार्डों में बांटा गया था, महात्मा गांधी और रानी अवंति बाई। मतदाताओं की संख्या के हिसाब से भी यह संतुलित है। इससे पूर्ववत रखा जाए।
0 सीमा निर्धारण में गंजीपारा का अस्तित्व ही खत्म कर दिया गया है, जबकि यह सुव्यवस्थित और भौगोलिक दृष्टि से उचित है। इसे दो हिस्सों में बांटकर एक को नदी पार मोंगरा से जोडऩा अनुचित है।
0 वार्ड-6 बरेठपारा के हिस्से को काटकर वार्ड-9 से जोडऩा भी सही नहीं है। इससे वार्ड-6 में मतदाताओं की संख्या कम हो जाएगी।
0 वार्ड-7 महावीर वार्ड सीमाओं का निर्धारण एक वर्ग विशेष का प्रभाव कम करने और दूसरे का महत्व बढ़ाने के लिए किया जाना प्रतीत हो रहा है।
0 वार्ड-9 इतवारी बाजार पहले ही विस्तृत है। मतदाताओं की संख्या भी पर्याप्त है। उसमें बरेठपारा को जोडक़र व्यवस्थित वार्ड को अव्यवस्थित किया गया है।
0 वार्ड-14 सोनेसरार संत रविदास वार्ड को उमराव पुल चौक पार कर वार्ड-12 अमलीपारा वार्ड में जोडऩा भौगोलिक दृष्टिकोण से सर्वथा अनुचित है।